इस लोकसभा चुनाव
में भारतीय जनता पार्टी को जो जनादेश
मिला है वो रातों
रात हुए किसी चमत्कार का नतीजा नहीं
बल्कि भारतीय
जनता पार्टी की सरकार की
नीतियाँ इसके लिए जिम्मेदार हैं | एक
सिटीजन की रूप में
मैंने भी इस सरकार
की नीतियों और कामकाज पर
अपनी निगाह रखी है, और मैंने ये
पाया की इस आशातीत
सफलता के पीछे ये
पांच कारण हैं :
१. सबका
साथ
सबका
विकास
पार्टी ने २०१४ का
चुनाव इसी नारे के दम पर
लड़ा था, अब चूँकि हमारी
जनसँख्या विभिन्न वर्गों, जातियों, तबकों व धर्मों से
आती है, और अभी तक
के चुनावों पर निगाह डालें
तो सभी पार्टियां
किसी खास वर्ग, जाति, धर्म व तबके विशेष
को ऊपर रख कर राजनीति
करती आयीं हैं |
भारतीय जनता पार्टी का ये नारा
"सबका साथ सबका विकास " २०१४ में जीत का उद्घोष बन
गया पर विपक्षी पार्टियां
इस महीन बात को समझ नहीं
पायीं, या यूँ कहें
तो शायद वो समझ तो
गयीं पर जिस तरह
की राजनीति वो करती आयी
हैं उसने उन्हें इस बात का
मौका नहीं दिया की वो सबका
साथ सबका विकास जैसी विजयी उद्घोष का मुकाबला कर
पातीं |
सही मायनो में ये मोदी का
चलाया हुआ वो ब्रह्मास्त्र था
जिसका मुकाबला
संकीर्ण राजनीतिक सोंच रखने वाला निशक्त विपक्ष कर ही नहीं
पाया और इसने भारतीय
जनता पार्टी के लिए जीत
की एक नयी इबारत
लिख दी |
२. कठोर
फैसले
लेने
और
उनके
परिणामों
से
निपटने
की
क्षमता
मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल
में ताबड़तोड़
फैसले लिए जैसे वस्तु एवं सेवा कर , नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक, एक्शन अगेंस्ट ब्लैक मनी, तीन तलाक़ का मुद्दा, एयर स्ट्राइक
|
तात्कालिक रूप में तो इसके परिणाम
सिर्फ जनता और व्यापारियों और
कुछ दशाओं में किसी खास वर्ग और धर्म के
लिए परेशानी और तकलीफ के
रूप में सामने आया पर इसके दूरगामी
सकारात्मक परिणाम आंके गए, सरकार को इन्हे लागू
करने में काफी मुश्किलें आयीं, काफी दिक्कतों का सामना करना
पड़ा पर उसके दृढ़
निश्चय ने इन्हे सफलता
पूर्वक लागू करा ही लिया |
विपक्ष के विरोध वाले
रवैये के बावजूद , तमाम
दिक्कतों के बावज़ूद जब
सरकार ने इन मुद्दों
पर विजय प्राप्त कर ली तो
साधारण जन मानस में
इसने सरकार की एक मज़बूत
छवि गढ़ दी, और
ये छवि इस कदर निखरी
की वही लोग जिन्हे दिक्कतों का सामना करना
पड़ा था , सरकार की इन क़दमों
की प्रशंशा करने लगे और सरकार के
इन फैसलों में मज़बूती से सरकार के
साथ खड़े नज़र आने लगे |
३. जनता
के
विभिन्न
तबकों
से
सीधा
जुड़ना
इस सरकार में
जो योजनाएं चलायी गयीं वो सीधे जन
साधारण से जुडी हुई
थीं | और सरकार लोगों
को इन योजनाओं से
जोड़ने में पूर्ण रूप से कामयाब रही
|
जन धन योजना
, मेक इन इंडिया, उड़ान
योजना , स्वच्छ भारत अभियान , प्रधान मंत्री उज्जवला योजना , स्टार्ट अप इंडिया, आयुष्मान
भारत , मुद्रा लोन और अन्य ढेर
सारी योजनाएं जिन्हे जन मानस ने
अपने लिए लाभकारी समझ कर , मान कर सर माथे
से लगाया |
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जिस
मुखरता से इन सभी
योजनाओं का प्रतिनिधित्व किया
उसने इन योजनाओं को
और इनमे छुपी आशा को एक नया
सिम्बल दे दिया|
ये योजनाएं सिर्फ
कागजों पर सीमित नहीं
रह गयीं वरन बहुत बड़ी संख्या में लोग इन योजनाओं से
जुड़ने लगे, और इसका सीधा
सा मतलब था कि सरकार
ज़रूर कुछ ऐसा कर रही है
जिससे लोग उससे जुड़ रहे हैं |
जब इन योजनाओं
के लाभार्थी सामने आने लगे तो इन योजनाओं
कि विश्वसनीयता बढ़ने लगी , पर विपक्ष ने
इन सब को दरकिनार
करते हुए अपने विरोध वाले रवैये को आगे बढ़ता
रहा |
विपक्ष शायद ये समझ पा
रहा था कि सरकार
लोगों से सीधा संवाद
कर रही है और जन
साधारण सरकार से सीधा जुड़
रहा है, पर उसे इसकी
काट सिर्फ विरोध और नकारात्मक राजनीति
में ही नज़र आयी,
जो मतदाताओं को पसंद नहीं
आया |
सरकार ने इन योजनाओं
के ज़रिये सीधा कनेक्शन लाभार्थियों से बनाया जिसका धर्म बस उसके और उसके परिवार के हित और लाभ
तक ही सीमित था, उसने कई सारी बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया जो
आखिर में भारतीय जनता पार्टी के लिए वोटों के
रूप में सामने आया, सबका साथ सबका विकास का नारा, समाज के सभी वर्गों, धर्मों, तबकों
का समर्थन सरकार के लिए वोटों के रूप में बदल गया |
४. मोदी
का
करिश्माई
नेतृत्व
नरेंद्र
मोदी का करिश्माई नेतृत्व
ने पार्टी को गज़ब का
आधार प्रदान किया|
अपनी
बात को , अपने सरकार कि योजनाओं को
अपने फैसलों को मुखरता से
आगे बढ़ाना कोई नरेंद्र मोदी से सीखे|
गज़ब
की वक्ता शैली, ऊर्जा , आत्मविश्वास , चेहरे पर दृढ निश्चय
के भाव , कुछ कर गुजरने का
जज़्बा , और सबसे बड़ी
बात लोगों से सीधा संवाद
, जनता इसकी मुरीद हो गई |
एक
दस सालों तक खामोश प्रधानमंत्री
वाले देश में इस ऊर्जावान प्रधानमंत्री
का आगमन मानो देश की नियति में
एक नयी इबारत लिखने जैसा था |
मन
की बात, सभी योजनाओं का प्रतिनिधित्व, अपनी
एक नयी पहचान बनाने में लगे एक पुरातन देश
के प्रधान मंत्री का विश्व भ्रमण
और नवीनता के सृजन का
विज़न, सारी दुनिया ने उनको हाथों
हाँथ लिया , उन्होंने शायद भारत देश से ऐसे किसी
प्रधानमंत्री की कल्पना भी
नहीं की होगी|
मोदी
ने जिस तरह से अपनी एक
सेवादार और आध्यात्मिक छवि
दुनिया के सामने रखी,
उसने लोगों के मानस पटल
पर एक अलग तरह
का असर कर दिया |
मोदी
अपनी सरकार के कामकाज को
लेकर सीधे लोगों के मन में
उतर गए |
मोदी
इतने दूरदर्शी और इतने कुशल
वक्ता हैं के उन्हें हर
बार ये पता होता
है कि कब कौन
सी बात कहनी है और किस
मुद्दे को कब और
कितना छेड़ना है के विपक्ष
बस उसी में उलझा रहे|
५.
पार्टी
की ज़बरदस्त प्रबंधन
क्षमता
अमित शाह के रूप में
भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को
एक कुशल प्रबंधक और रणनीतिकार एक
ऐसे समय पर मिला जब पार्टी को
इसकी सख्त ज़रुरत थी |
समूचा विपक्ष अमित शाह के रणनीतियों के
सामने पानी भरता नज़र आया |
भारतीय जनता पार्टी ने २०१४ में
ही अपने कुशल प्रबंधन का परिचय दे
दिया था और ये
स्पष्ट था कि प्रबंधन
ही २०१९ लोकसभा चुनाव का मुख्य हथियार
होगा|
ये सब देखते
हुए भी विपक्ष अपना
प्रबंधन मज़बूत करने के बजाय छींका
टूटने का इंतज़ार करता
रहा |
इस आशातीत सफलता
की और भी कई
सारी वजहें हो सकती हैं
जैसे राम मंदिर मुद्दे पर देर से
ही सही पर सरकार कि
सुगबुगाहट , कश्मीर मुद्दे पर सरकार का
कड़ा रूख, राष्ट्रवाद का
मुद्दा, ख़ास तौर पर चुनाव के
आखिरी ६ महीनों में
बहुत सारी ऐसी बातें हुईं जिसने भारतीय जनता पार्टी कि सरकार को
और भी मज़बूती दी
|
पर सिर्फ उसे
ही इस शानदार जीत
का बेस मन लेना पूरी
तरह से सही नहीं
होगा , इसीलिए मैंने अपने पांच बिंदुओं में उनका ज़िक्र नहीं किया |
अब नज़र होगी
सरकार के अगले कार्यकाल
के कामकाज पर |
लेखक
अनुपम
जायसवाल
एफसीएस
बिज़नेस
एडुकेटर
मोटिवेशनल
स्पीकर
९८३९२२४६५८
Super motivation for success thnks
ReplyDeleteSir for write this
Great analysis
ReplyDeleteNice sir
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