'भय' हमें जीवन में आगे बढ़ने से रोक देते हैं और हमारी संभावनाओं को लगभग खत्म कर देते हैं l
भय की उपस्थिति हमें उस क्षमता से प्रदर्शन करने नहीं देती जिससे कि हम वास्तव में कर सकते हैं l ये हमारे समूचे अस्तित्व को बांध कर रख देते हैं l
सर्वोच्च जीवन कि शुरुआत सही मायनो में तब शुरू होती है जब हम भयमुक्त हो जाते हैं l याद रखें भय सिर्फ स्पीड ब्रेकर्स हैं इन्हे पर्वत समझने कि भूल कभी ना करें अन्यथा ये आपको उस भविष्य में कभी झाँकने नहीं देंगे जहाँ पर संभावनाएं बसती हैं l
- अनुपम
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